सुलतानपुर। लाख कोशिशों के बावजूद जिले के धनपतगंज ब्लाक प्रमुख की कुर्सी पर भद्र परिवार का कब्जा नही हो सका। ब्लाक स्थापना के बाद शायद पहली बार ऐसा रहा जब सत्ता के आगे पहली बार ‘भद्र’ परिवार विवश नजर आया। इस बार बाजी भाजपा समर्थित प्रत्याशी पार्वती सरोज के हाथ लगी। इसके पीछे पूर्व मंत्री नगर विधायक विनोद सिंह की भूमिका रही। पार्वती संख्या वार्ड नंबर 3 सेमरौना पिपरी साईनाथपुर से सदस्य हैं। इनके मुकाबले सपा समर्थित प्रत्याशी उषा सिंह थीं। पार्वती सरोज को 42 एवं उषा सिंह को 39 मत मिले। उषा सिंह पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू, व पूर्व प्रमुख यशभद्र सिंह मोनू की मां हैं। श्रीमती सिंह पूर्व में ब्लाक प्रमुख भी रह चुकी हैं। धनपतगंज ब्लाक से निर्विरोध प्रमुख रहे यशभद्र सिंह मोनू को एक मामले में कोर्ट से हाल ही में एमपी एमएलए कोर्ट से दो वर्षों की सजा हुई तो शासन से यह पद रिक्त घोषित कर दिया गया था अब जिस पर चुनाव कराया जा रहा है। गौरतलब है कि ब्लाक की स्थापना काल से लेकर 2024 तक ब्लाक प्रमुख की कुर्सी पर भद्र परिवार व उनके करीबियों का ही कब्जा रहा। हालांकि इसके पीछे की वजह भद्र परिवार की लोकप्रियता से ज्यादा उनकी दंबगई छवि रही जिसके कारण कोई लड़ने की हिमाकत नही कर सकता था। किसी ने हिम्मत जुटाई भी तो दुर्गति करने में भद्र परिवार पीछे नही रहा। शायद यही वजह रही कि धनपतगंज ब्लाक में प्रधान, बीडीसी, डीडीसी पद के लिए कभी नामांकन पत्र खरीदना भी टेढ़ी खीर था। ब्लाक प्रमुख की कुर्सी को लेकर भद्र परिवार के कई करीबियों के मन में भी खूब लड्डू फूटे लेकिन पर्चा खरीदने तक की वे हिम्मत नही जुटा पाए। जिन्होंने हिम्मत जुटाई तो उन्हें इसकी कीमत भी चुकानी पड़ी। इसी ब्लाक के प्रमुख बनने की हसरत पालने वाले दुर्गा प्रसाद पांडेय, अरुण देव मिश्रा, नीलम कोरी, श्याम सुंदर सिंह सहित कई ऐसे चेहरे रहे जिनके साथ हुई बदसलूकी जगजाहिर है।
ब्लाक की स्थापना काल के बाद से भद्र परिवार से इतर यहां प्रमुख की कुर्सी एक बार रिजर्व सीट होने पर एवं दो बार अपने कृपा पात्र लोगों को दिया बाकी जिसने भी इधर निगाह लगाई उसके साथ ऐसा बर्ताव हुआ कि वह दुबारा पर्चा खरीदने का साहस नही जुटा सका। धनपतगंज ब्लाक की स्थापना के बाद पहले ब्लाक प्रमुख के रूप में यशभद्र सिंह मोनू के बाबा शारदा प्रसाद सिंह 1972 से 1988 तक प्रमुख रहे। उसके बाद मोनू के पिता इन्द्र भद्र सिंह 1988 से 1989 तक ब्लाक प्रमुख रहे। जिनके विधायक बनने के कारण उनके परिवार के हितैषी कहे जाने वाले आद्या प्रसाद सिंह 1989 से 1995 तक पदासीन रहे। बाद में भद्र परिवार के कृपापात्र माने जाने वाले श्याम सुन्दर सिंह ने 1995 से 2001 तक प्रमुख की कुर्सी संभाली। फिर मोनू सिंह को माता उषा सिंह 2001 से 2006 तक प्रमुख रहीं। 2006 में परिवार के विरासत वाली प्रमुख सीट पर निर्विरोध जीत कर यशभद्र सिंह मोनू ने राजनीतिक सफर शुरु किया और 2006 से वर्ष 2016 तक प्रमुख की कुर्सी पर काबिज रहे। इसके बाद अनुसूचित आरक्षित सीट होने पर मोनू सिंह ने अपने गांव की अनुसूचित जाति महिला जानकी देवी को मैदान में उतारा और विरोधी उम्मीदवार नीलम को भारी मतों से शिकस्त देकर कुर्सी पर अपना कब्जा बरकरार रखा। पुनः वर्ष 2021 में सीट सामान्य होने पर मोनू सिंह एक बार फिर निर्विरोध ब्लाक प्रमुख बने। हाल में कानूनी अड़चन के चलते उन्हें कार्यकाल पूरा होने के पहले ही पदच्युत होना पड़ा।
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भद्र परिवार के आतंक से मुक्त हुई जनता : विनोद सिंह
पूर्व मंत्री एवं सुल्तानपुर विधायक विनोद सिंह ने भाजपा समर्थित प्रत्याशी की जीत पर कहा कि धनपतगंज में पिछले कई दशक से भद्र परिवार के आतंक से जनता मुक्त हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि क्षेत्र पंचायत में बड़े स्तर पर गबन किया गया है।