एसटीएफ ने हाल के दिनों में कई एनकाउंटर किए, लेकिन अन्य जिलों और सुल्तानपुर के मंगेश यादव एनकाउंटर में एक भिन्नता रही। असद एनकाउंटर से लेकर जिले में हुए विनोद उपाध्याय एनकाउंटर तक एसटीएफ टीम ने बुलेट प्रूफ जैकेट पहन रखा था। मंगेश यादव केस में टीम इसके बगैर एनकाउंटर कर गई। यही नहीं एसटीएफ के अधिकारी बदमाश से मुठभेड़ करने चप्पल पहनकर पहुंच गए थे। एक लाख के इनामी मंगेश का पिट्ठू बैग और बाइक तो सामने आई लेकिन जिस पिस्टल और तमंचे का उल्लेख हुआ वो आजतक लोगों को दिखाई नहीं दी।
छह राउंड एसटीएफ ने चलाया था गोली
पांच सितम्बर को एसटीएफ ने कोतवाली देहात के मिश्रपुर पुरैना हनुमानगंज बाईपास के पास जौनपुर के बदमाश मंगेश यादव को एनकाउंटर में ढ़ेर कर दिया था। सीओ एसटीएफ डीके शाही ने कोतवाली देहात थाना में फर्द दाखिल की थी। जिसके अनुसार एनकाउंटर में कुल छह राउंड फायर हुए थे। इसमें इंस्पेक्टर महावीर ने 2, राघवेन्द्र ने 2, सिपाही बृजेश सिंह ने 1, सिपाही अमर श्रीवास्तव ने 1 राउंड फायर किया था। बदमाशों की ओर से कितने फायर किए गए थे इसका उल्लेख उसमें उपलब्ध नहीं है।
कीचड़ में चप्पल पहनकर दौड़े एसटीएफ सीओ
एसटीएफ का दावा था कि मंगेश के साथ एक लूटेरा और था जो अंधेरे का लाभ लेकर फरार हो गया। वो था कौन था जो फायर झोंकते हुए निकल लिया, जिसे अबतक टीम अबतक उसे पकड़ नहीं सकी है। जिस स्थान पर मुठभेड़ हुई वो हाइवे के किनारे कच्चा स्थान था, बारिश के कारण वहां कीचड़ था। ऐसे में बदमाश भागा तो कैसे? एसटीएफ सीओ ने चप्पल पहन रखा था वो उसे पहनकर दौड़े कैसे, और कीचड़ चप्पल में दूर दूर तक नहीं लगा।
पुलिस की मुठभेड़ में घायल हुआ था एसओजी सिपाही
एसटीएफ मुठभेड़ से ठीक दो दिन पूर्व इसी लूटकांड में सिविल पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने कोतवाली नगर के गोड़वा में हॉफ एनकाउंटर किया था। जिसमें बदमाश सचिन सिंह, पुष्पेंद्र सिंह और त्रिभुवन पैर में गोली लगने से घायल हुए थे। बदमाशो की ओर से फायरिंग में एसओजी का एक सिपाही शैलेश राजभर भी घायल हुआ था। लेकिन फुल एनकाउंटर जहां दो बदमाश थे, एसटीएफ की बिना बुलेट प्रूफ की टीम से उनका सामना हुआ पर इतनी चतुराई से एसटीएफ ने मोर्चा लिया कि बदमाश ढ़ेर हो गया और कोई एक सिपाही घायल नहीं हुआ। यही नहीं बल्कि एनकाउंटर स्थल से बदमाशों और एसटीएफ की ओर से किए गए फायर में बुलेट के पूरे खोखे भी बरामद नहीं हो सके हैं।
एसटीएफ सीओ डीके शाही के किए दो एनकाउंटर की कहानी!
प्लॉट लगभग एक सा, बस दोनो के किरदार और जगहें अलग अलग हैं। पहला एनकाउंटर इलाहाबाद के रहने वाले फिरोज पठान उर्फ इरफान का फरवरी 2020 का है। एसटीएफ को पता चलता है कि फिरोज पठान अपने किसी साथी के साथ महादेवा बाजार होते हुए अंबेडकर नगर जाएगा और किसी बैंक या कंपनी में लूट को अंजाम देगा। एसटीएफ टीम घेराबंदी करती है। एक काले रंग की मोटरसाइकिल से दो लोग आते दिखाई पड़ते हैं। मुखबिर इशारे से बताता है कि पीछे बैठा व्यक्ति ही फिरोज पठान है। फिर एसटीएफ की टीम बुलंद आवाज़ में अपना परिचय देती है। पीछे बैठा युवक जो अपनी पीठ पर पिट्ठू बैग टांगे हुए था, कमर में खोसे अपने असलहे को निकालकर भद्दी भद्दी गालियां देता है। वे मोटरसाइकिल को भगाते हैं। एसटीएफ पीछा करती है। वे फायर करते हैं। एसटीएफ जवाब देती है। कुछ समय बाद बदमाश की ओर से फायर आना बंद हो जाता है। बदमाश घायल होता है। अस्पताल भेजा गया। वहां मृत। बरामदगी में 9 एमएम मय मैगजीन, जिंदा कारतूस, खोखा कारतूस, .32 बोर पिस्टल मय मैगजीन और एक अदद बैग।
अंबेडकर नगर के परवेज का जून 2021 में हुआ एनकाउंटर
दूसरा एनकाउंटर अंबेडकर नगर के परवेज का जून 2021 में हुआ। एसटीएफ को खबर मिलती है कि परवेज अपने एक साथी के साथ कैंपियरगंज से अंबेडकरनगर जाकर एक व्यापारी की हत्या करने की फिराक में है। धर्मेश शाही उर्फ डीके शाही की अगुवाई में एसटीएफ की टीम घेराबंदी करती है। यहां भी एक काले रंग की मोटरसाइकिल से दो लोग आते दिखाई पड़ते हैं। यहां भी मुखबिर इशारे से बताता है कि पीछे बैठा व्यक्ति ही परवेज है। यहां भी एसटीएफ बुलंद आवाज में अपना परिचय देती है। यहां भी पीछे बैठा युवक जो अपनी पीठ पर बैग टांगे हुए था, कमर में खोसे अपने असलहे को निकालकर भद्दी भद्दी गालियां देता है। वे मोटरसाइकिल से भगाते हैं। एसटीएफ पीछा करती है। बदमाश पुलिस पर फायरिंग करते हैं। पुलिस जवाब देती है। कुछ देर बाद बदमाश की ओर से फायर आना बंद हो जाता है। बदमाश घायल होता है। अस्पताल जाने पर उसकी मौत हो चुकी होती है। बरामदगी में 9 एमएम मय मैगजीन, जिंदा कारतूस, खोखा कारतूस, .32 बोर पिस्टल मय मैगजीन, एक अदद बैग और 315 बोर तमंचा।