भाजपा ब्लॉक प्रमुख विनोद गौतम की कुर्सी हथियाने की क़वायद फिर से शुरू की गई है। जिसमें पर्दे के पीछे सत्तारूढ़ दल के ही माननीय ने ताना बाना बुन रखा है। ब्लॉक प्रमुख पर करपशन व बिना बैठक विकास कार्य कराए जाने का आरोप मढा गया है। हालांकि प्रमुख प्रतिनिधि ने इसे सिरे से खारिज कर चैलेंज किया है कि एक बार हाईकोर्ट में शिकस्त खा चुके लोग फिर से जांच करा लें। लेकिन मैं उन्हें उनके मनसूबे में कामयाब नहीं होने दूंगा।
मंगलवार को ब्लॉक करौंदीकला की क्षेत्र पंचायत सदस्य सुमन गौतम के नेतृत्व में दो चार बीडीसी अधिवक्ता के माध्यम से डीएम से मिले और अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस दिया। इन सबका दावा रहा कि उन्हें 36 बीडीसी का समर्थन प्राप्त है। सुमन गौतम ने बताया आज हम ब्लॉक प्रमुख विनोद गौतम के खिलाफ अविश्वास लेकर आए थे। वो कोई भी कार्य सही से करते नहीं हैं। कभी भी बीडीसी को बुलाकर बैठ नहीं किए। जो करते हैं अपने मन से करते हैं। उन्होंने बताया कि कुल 48 बीडीसी में से 36 लोगो ने एफिडेविड पर साइन करके डीएम को दिया है।
उधर इसी मुद्दे पर ब्लॉक प्रमुख विनोद गौतम ने एक पत्र जारी कर इस प्रस्ताव को निराधार बताते हुए दावा किया कि उनके पास पर्याप्त संख्या में क्षेत्र पंचायत सदस्यों का समर्थन है। उन्होंने कहा, “मुझे क्षेत्र पंचायत के अधिकतर सदस्यों का विश्वास मत प्राप्त है। यह प्रस्ताव कुछ स्वार्थ सिद्ध करने के लिए लोगों द्वारा कूट रचित तरीके से पेश किया गया है, जिनके पास पर्याप्त समर्थन नहीं है। ब्लॉक प्रमुख ने आरोप लगाया कि यह प्रस्ताव कुछ सहरंग, दबंग किस्म के लोगों द्वारा उनके ऊपर दबाव बनाने के लिए आरोप लगाया गया है। उन्होंने कहा कि ये लोग गरीब जनता की योजनाओं का स्वयं लाभ लेने के लिए नियम विरुद्ध कार्य कराने हेतु लगातार दबाव बना रहे थे, और जब मैं उनके इस दबाव में नहीं आया तो इन लोगों ने मेरे खिलाफ कूट रचित अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया।
हाइकोर्ट में विरोधियों की दलीलें हो गई थी हवा
आपको बता दें कि बीते वर्ष नवम्बर माह से करौंदीकला क्षेत्र में राजनैतिक रार चल रही है। माननीय के शह पर यहां 30 से अधिक बीडीसी ने बैठक का बहिष्कार कर संयुक्त इस्तीफा दिया था। मामला ब्लॉक से जिला और फिर हाईकोर्ट तक पहुंचा। लेकिन हाईकोर्ट में विरोधियो की सभी दलीलें हवा हो गई थी।