सुल्तानपुर में पति की हत्या में नामजद पत्नी व उसका कथित प्रेमी साक्ष्य के अभाव में बरी हो गए हैं। एडीजे एकता वर्मा ने दोनों को बरी किया है। घटना आठ साल पहले गोशाईगंज थाने के टाटियानगर के पास की है।
गोशाईगंज के सैदपुर निवासी जमील अहमद ने 9 सितम्बर 2016 को मुकदमा दर्ज कराया था।उनके अनुसार उनके बेटे इम्तियाज अहमद की शादी कोतवाली नगर के ताजखानपुर निवासी सायरूननिशा के साथ 27 अगस्त 2008 को हुई थी। पति पत्नी के बीच कुछ दिनों से विवाद चला रहा था। फिर 24 मई 2016 को दोनों के बीच तलाक भी हो गया था। परिवार न्यायालय में मुकदमा भी चल रहा था। आरोप था कि सायरूननिशा का लखनीपुर कूरेभार निवासी शशिकांत पाल के साथ प्रेम संबंध चल रहा था दोनों अक्सर साथ ही रहते थे। 8 सितंबर 2016 को उनका बेटा अपना ऑटो लेकर निकला था शाम को उन्हें सूचना मिली कि बेटे इम्तियाज की हत्या हो गई है, लाश टाटियानगर के पास पड़ी है।
पिता ने गांव वालों के साथ वहां जाकर देखा तो रक्तरंजित शव व क्षतिग्रस्त ऑटो पड़ा था। जमील ने सायरूननिशा उसकी मां अबीदुल निशा भाई मेराज और शशिकांत पाल के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज कराया था। विवेचना में अबीदुलनिशा और मेराज की नामजदगी गलत पाई गई। मुकदमा चला तो अभियोजन ने आठ गवाह परीक्षित कराये।
बचाव पक्ष के अधिवक्ता रुद्रप्रताप सिंह मदन ने तर्क दिया कि इम्तियाज की मृत्यु दुर्घटना में हुई थी। आरोपितों को रंजिश व शक के आधार पर फंसाया गया है। जज ने बचाव पक्ष के तर्क को महत्वपूर्ण और अभियोजन के साक्ष्य को अप्रयाप्त माना और दोनों को निर्दोष करार दिया है।