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16/10/2024
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सामाजिक न्याय दिवस के रूप में मनाई जाएगी २५ जून को वीपी सिंह की जयंती, ७ अगस्त तक चलेगी अतुल्य लोक निर्णय-लोकतांत्रिक पुनर्जागरण दिवस

VP Singh's birth anniversary to be celebrated as Social Justice Day on June 25, Incredible Public Decision-Democratic Renaissance Day to run till August 7

सुल्तानपुर। आमचुनाव में समाजवादी पार्टी के ‘पीडीए’ फार्मूले के सफल होने और भाजपा की राजनीतिक ‘हिंदुत्व’ शैली को लगे तगड़े झटके के बीच बरास्ते यूपी देश मे पूर्व पीएम स्व. वीपी सिंह की राजनीति को जिंदा करने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। वीपी सिंह स्मारक जनसंघर्ष मोर्चा ने इसकी शुरुआत यूपी में अवध की सरजमीं से करने का फैसला किया है। विश्वनाथ प्रताप सिंह स्मारक जन संघर्ष मोर्चा पूर्व प्रधानमंत्री ने स्व. सिंह के जन्मदिवस 25 जून को सामाजिक न्याय दिवस के रूप में मनायेगा।

अतः उनके जन्मदिवस की पूर्व संध्या पर विचार गोष्ठी उपरांत प्रेसवार्ता आयोजित की गयी। विचार गोष्ठी में पूर्व पीएम स्व. सिंह के राजनीतिक जीवन से जुड़े प्रमुख निर्णयों और कार्यों को यादगार बनाये रखने के लिए उनके जन्मदिवस से आंदोलन शुरू करने की रुप रेखा भी तय की गयी । तय किया गया कि देश-प्रदेश और जिलों-जिलों में उनसे जुड़े हुए पुराने साथियों समर्थकों को इस आंदोलन से जोड़ा जाय ।

गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए वीपी सिंह स्मारक जनसंघर्ष मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामकुमार सिंह “लाल भैया” ने बताया कि वीपी सिंह जयंती की पूर्व संध्या से शुरू हुआ आंदोलन 7 अगस्त तक चलेगा। सात अगस्त वो ऐतिहासिक तिथि है जिस दिन स्व.सिंह के प्रधानमंत्रित्व काल मे मंडल आयोग की सिफारिशें लागू की गईं। ये दिवस अतुल्य लोक निर्णय -लोक तांत्रिक पुनर्जागरण दिवस के रूप में मनाया जायेगा। इस अवसर पर विशाल सभा की जाएगी। जिसमें मंडल आयोग के प्रभाव व लोककल्याण पर चर्चा होगी। इसी क्रम में संगठन देश-प्रदेश के अनेकों स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित करेगा। वीं पी सिंह से विशेष रूप से जुड़े रहे संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल चैन्नई जाकर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करेगा। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, जिनके द्वारा मूर्ति लगवाईं गयी है उनका इस कार्य के लिए अभिनन्दन व आभार प्रकट कर उत्तर प्रदेश में उनका स्वागत कार्यक्रम आयोजित करेगा।

गोष्ठी को संबोधित करते हुए लम्भुआ विधानसभा के पूर्व बसपा प्रत्याशी व पूर्व जिला पंचायत सदस्य रामराज चौरसिया ने कहा कि वीपी सिंह पिछड़े के मसीहा थे। सर्वसमाज के सहयोग से उनकी जिले में मूर्ति लगाने के लिए सरकार से सार्वजनिक स्थान देने की मांग की जाय। जिसका खर्च जनसंघर्ष मोर्चा खुद उठायेगा । स्व. सिंह के कृतित्व से आज समाज के अंतिम व्यक्ति तक राजनीतिक जागृति हो सकी है । ये सच्चाई सभी बेझिझक स्वीकार कर रहे हैं। आजादी के आंदोलन के बाद व्यक्ति के जीवन और जिंदगी से जुड़ा कोई आंदोलन जो पैंतीस साल बाद भी लोगों के लिए दिमाग को छूता है तो वह मंडल आंदोलन ही है। जिसके प्रणेता वीपी सिंह जी ही थे। आज जिस तरह की राजनीतिक, सामाजिक परिस्थितियां हैं, आगे भी सैकड़ों साल तक यह रिपोर्ट समाज को आन्दोलित करती रहेंगी।

7 अगस्त से 2 दिसंबर तक के आंदोलन की रूपरेखा तय शीघ्र तय की जायेगी । ज्ञात हो कि 2 दिसंबर 1989 को वीपी सिंह देश प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण ली थी और पहली बार गैरकांग्रेस गठबंधन की सरकारो का सूत्रपात हुआ़। तब से आज तक गठबंधन की सरकार की प्रासंगिकता कायम है। 2 दिसंबर (वीपी की पुण्यतिथि) वीपी सिंह स्मारक जनसंघर्ष मोर्चा लोक परिवर्तन लोक मंगल दिवस रूप में मनाता है। गोष्ठी में मोर्चा के वरिष्ठ पदाधिकारी प्रधानाचार्य राकेश सिंह, राजेश पाठक, रजनीश सिंह, मुकेश गोंड व युवराज जायसवाल सहित उनसे जुड़े दर्जनों लोग शामिल रहे।

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