अमेठी, उत्तर प्रदेश में जमीन विवाद को सुलझाने के बजाय प्रशासन द्वारा उसे बढ़ावा देने का काम स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। राजस्व प्रशासन की अनियमितताओं के चर्चे आम हो गए हैं। अक्सर तहसील प्रशासन के अधिकारी किसी न किसी विवाद में उलझे रहते हैं। ऐसा ही मामला गौरीगंज तहसील गौरीगंज, जनपद अमेठी से सामने आया है, जहां के निवासी पीड़ित पक्ष ने एसडीएम गौरीगंज को शिकायत प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है।
पीड़ित पक्ष के प्रदुम्न कुमार मिश्र ने बताया कि 2023 में अपर आयुक्त ने एक आदेश सुनाया था। इस आदेश के खिलाफ पीड़ित पक्ष ने अपर आयुक्त के न्यायालय में अपील की थी। अपील सुनवाई के दौरान न्यायालय ने एसडीएम गौरीगंज को प्रभाव रोकने का स्थगन आदेश पारित किया था। राजस्व निरीक्षक संतोष कुमार सिंह ने इस स्थगन आदेश की अनदेखी की और कब्जा परिवर्तन करने की कोशिश की।
पीड़ित पक्ष प्रदुम्न कुमार मिश्र ने कहा कि अपर आयुक्त के स्थगन आदेश के बाद से मुकदमे के निस्तारण तक यथास्थिति बनाए रखने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया था, लेकिन स्थगन आदेश की अनदेखी कर कब्जा परिवर्तन करने की कोशिश की जा रही है। वैसे भी इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर सभी प्रकार के विवादों का निस्तारण किया जाता है, जिसमें विवादित भूमि को शामिल किया जाता है।