सुल्तानपुर के बल्दीराय थाने के रमनगरा गांव में नौ वर्ष पूर्व इंदुमति की हत्या हुई थी। बेलचक से मार कर मां की हत्या करने वाले बेटे को को अपर सत्र न्यायाधीश एकता वर्मा ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने बीस हजार का अर्थदंड भी लगाया है।
2 अप्रैल 2015 की घटना
सहायक शासकीय अधिवक्ता संदीप सिंह ने बताया कि चंद्रपाल पांडे ने घटना की एफआईआर लिखाई थी। उनके अनुसार 2 अप्रैल 2015 को दिन मे साढ़े दस बजे उनकी पत्नी इंदुमती घर के बाहर लगे नल पर हाथ धोने जा रही थी। उनका लड़का चंद्रशेखर उसी समय हाथ मे बेलचक लेकर आया कहा कि तुम्हे मार डालेंगे और जोर से सर पर मार दिया। वे वही गिर गई पीछे मैं भी हाथ धोने जा रहा था घटना देखकर मैंने गुहार लगाया। जब तक गांव के लोग आते तब तक पत्नी इंदुमती की मृत्यु हो गई। पुलिस ने चंद्रशेखर को गिरफ़्तार कर जेल और आरोप पत्र न्यायालय भेजा। मुकदमा चला तो अभियोजन ने छ गवाह परीक्षित कराया। जज ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर दोषी ठहरा कर सजा काटने के लिए जेल भेज दिया। चंद्रशेखर जब गिरफ्तार हुआ तभी से जेल में है।
बेटे को बचाने के लिए न्यायालय मे मुकर गया पिता
पत्नी इंदुमती की हत्या के बाद चंद्रपाल ने बेटे चंद्रशेखर के विरुद्ध नामजद एफआईआर लिखाई थी। उसने पुलिस को दिए बयान में भी घटना को देखना और बेटे द्वारा बेलचक से मारकर हत्या करना बताया था। लेकिन जब न्यायालय में उसका बयान हुआ उसने कहा कि घटना नहीं देखी थी। गांव वालों के कहने से एफआईआर लिखाई थी। यह भी कहा दिया कि उनका बेटा मानसिक विक्षिप्त है। पुलिस को घटना को आंखो देखी बताने वाली इंदुमती (मृतका) के भाई की लड़की रूचि पांडे ने भी न्यायालय में कहा कि उसने घटना होते नहीं देखा था। फिर भी न्याय की कसौटी पर इनके बयान झूठे साबित हो गए।