एंकर : पूर्व मंत्री एवं शहर विधायक विनोद सिंह ने बाहुबली सोनू और मोनू को सूदखोर करार दिया है। उन्होंने कहा कि जिन बीडीसी सदस्य को 3 साल पहले ₹50000 दिया गया था। उनसे सूद समेत पैसा वापस लिया जा रहा है। मेरे परिवार में जो एहसान किया दूसरा कोई होता तो सात पुश्तें एहसास मानता। कहा कि कौन सा क्षत्रिय ऐसा है जिसका अपमानित होने पर खून नहीं खोलता है।
वीओ : शहर विधायक विनोद सिंह और बाहुबली पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू और पूर्व ब्लाक प्रमुख यशभद्र सिंह मोनू के खिलाफ लंबे समय से राजनीतिक रंजिश चली आ रही है। जहां मोनू सिंह ने अपने बयान में विनोद सिंह के पूर्वज को मुंशी शब्द से संबोधित किया, उनके भाई विधायक अशोक सिंह को नगर कोतवाली में अपमानित किया गया। वहीं शहर विधायक विनोद सिंह ने इसौली में उनके आवास पर बुलडोजर चलवाने तक की पत्रकार वार्ता में धमकी दी थी। छतरी समाज का होने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अपमान पर किस क्षत्रिय का खून नहीं खोलता है।
बाइट : मेरे पिताजी जब भारत सरकार में मंत्री थे तो उस समय सुल्तानपुर की राजनीति उन्हीं के इर्द-गिर्द घूमती थी। मेरे पिता ने ही बाबू शारदा सिंह को धनपतगंज ब्लॉक का प्रमुख बनाया था। मेरे पिताजी का सपना था। कमला नेहरू संस्थान जिसमें उन्होंने शारदा सिंह को ट्रस्टी के रूप में शामिल किया था। महाविद्यालय में इंद्रभद्र सिंह के प्रवक्ता के रूप में नियुक्त होने के लिए योग्यता नहीं थी । बावजूद शारदा सिंह के कहने पर उन्हें नियुक्त किया गया था। मैं सोनू सिंह को लिपिक के पद पर नियुक्त किया था। मेरे परिवार का शारदा सिंह परिवार पर बहुत बड़ा एहसान था। यदि और किसी परिवार के साथ ऐसा किया जाता तो वह सात पुश्त तक उसका एहसान मानता। दिसंबर 2013 में मेरे छोटे भाई विधायक अशोक सिंह पर आक्रमण किया और कोतवाली नगर में बेइज्जत करने की कोशिश की गई । कहा गया था कि यदि विधायक ना होते तो सबक सिखाया जाता। केएन सिंह के बेटे की हैसियत दिखाने की क्षमता है इनकी। इसके बाद मेरे पूज्य बाबा पर अभद्र टिप्पणी की गई जिसका वीडियो मैंने देखा। ऐसे घटनाक्रम में कोई क्षत्रिय परिवार का होगा तो उसके खून में उबाल जरूर आएगा। इन लोगों की तरफ से 3 साल पहले जिन बीडीसी को ₹50000 दिए गए थे, उनसे सूद के साथ पैसा वसूला जा रहा है।
पूर्व मंत्री एवं शहर विधायक विनोद सिंह