6 अगस्त 2023 की शाम कोतवाली देहात का नकराही चौराहा गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा। भीड़ छटी तो लोगों ने देखा अधिवक्ता आजाद अहमद की हत्या हो चुकी थी। उसका भाई मुनव्वर घायल हुआ था, उसे इलाज के लिए ले जाया गया। वारदात में हिस्ट्रीशीटर सिराज अहमद समेत दस पर केस दर्ज हुआ। सिराज फरार हो गया, उसके विरुद्ध एक लाख का इनाम घोषित हुआ, कोर्ट के आदेश पर कुर्की तक हुई लेकिन वो पुलिस को ढूंढे नहीं मिल रहा है।
पीड़ित मुनव्वर की जुबानी घटना की कहानी
हमारा छोटा भाई जो वकील था उसको लड़का हुआ था करिश्चयन हॉस्पिटल में, वहां से हम निकलकर आए और बाईपास पर बैठ गए। दोस्त यार बैठे थे उनको मीठा आदि खिलाने लगे। छोटा भाई खाना लेने आया हुआ था वो हमको देखकर रुक गया, उसके दो तीन वकील दोस्त भी आए हुए थे। जहां हम लोग बैठे थे वहां से दस मीटर दूर पर सिराज का प्लांट है। वो देखा तो स्कार्पियो और मोटर साइकिल से गुर्गो के साथ आया, आते ही गाली गलौज चालू कर दिया यहां कहा बैठे हो ये मेरा इलाका है। इसमें हमारी बहस होने लगी, छोटा भाई बोला आपसे नहीं मतलब है इस पर इसने छोटे भाई को दो तीन तमाचा मार दिया।
दो गोली हमे मारा, बाक़ी भाई को उतार दिया
हम गए बचाव करने तो इनके साथ इनके पिता मंसूर अहमद, मेराज अहमद, शारिज, दानिश, इकराम, प्रिंस, खैराबाद के तीन लड़के शहजाद, सोहराब और सलमान ये लोग हमको पकड़ लिए। हम छुड़ा के जब सिराज के पास पहुंचे तो यह पिस्टल निकाल के छोटे वाले भाई पर दो फायर किया। तब तक वो लोग हमको फिर पकड़ लिए। मेराज ने इसको पिस्टल निकाल दिया तो वो पिस्टल फंस गई, तब प्रिंस ने एक पिस्टल दी जिससे उसने दो फायर हमारे ऊपर मारा, एक गोली मेरे पैर में लगी एक पेट में लगी। जो गोली बची थी उससे भाई को मार डाला।
उस स्थिति में हैं हम लोग कि कर लेगे आत्महत्या
बाईपास एकदम सटा था तो पब्लिक ज्यादा हो गई, दूर से हूटर की आवाज आने लगी तो ये लोग गाड़ी छोड़ छोड़ कर भाग निकले। सिराज और प्रिंस मोटरसाइकिल व खैराबाद वाले मोटरसाइकिल से भाग गए। अन्य पैदल भागे। हमको पब्लिक हॉस्पिटल लेकर गई हमको यह भी नहीं पता था कि मेरा भाई एकस्पायर कर गया। कप्तान साहब के पास जाते हैं तो कहते हैं पकड़ा जाएगा। डीएम साहब के पास लाइसेंस अप्लाई किया है वो भी अभी तक इशू नहीं हुआ। बार एसोसिएशन से लेटर लिखकर दिया गया आर्थिक मदद के लिए अभी एक मदद शासन प्रशासन से नहीं मिली है। हम लोग उस स्थिति में आ गए हैं कि आत्म हत्या कर लेगे।
मृतक के पिता बोले डीएम को दिया अस्सी एप्लिकेशन, वो उल्टा-सीधा बोलती हैं
जिस बेटे को गोली लगी उसका दो बार ऑपरेशन हुआ। हम और उसकी मां डीएम के पास अस्सी एप्लिकेशन लेकर गए, दौड़ते-दौड़ते थक गए। डीएम उल्टा सीधा बोलती हैं। एसपी साहब के पास भी इतनी ही एप्लिकेशन दिया, वहां बोला गया ये हो जाएगा वो हो जाएगा। कोई मदद और कुछ नहीं, अपराधी पकड़ा नहीं गया। जो जेल से छूटे हुए हैं वो धमकी दे रहे हैं, हमने कप्तान साहब को वीडियो भी दिया लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। मैं लखनऊ डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के पास गया कोई सुनवाई नहीं हुई। अपराधी जो भगा है वो स्वामी प्रसाद मौर्या के लड़के के साथ है।
बार अध्यक्ष बोले एक लाख के इनामी को पकड़ने में पुलिस नाकाम
बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व अधिवक्ता आजाद के पिता की ओर से अधिवक्ता रंजीत सिंह ने बताया कि सिराज की गिरफ्तारी आज तक पुलिस नहीं कर सकी। जितने मुल्ज़िमान हैं उनकी जनपद न्यायधीश के यहां से बेल खारिज हुई। कुछ की हाईकोर्ट से बेल हो चुकी है। मुकदमे में चार्ज बन गया है, और चार्ज बनने के बाद आजाद के पिता की गवाही चल रही है। सिराज पर एक लाख का इनाम है और पुलिस उसको पकड़ पाने में विफल है।
इन सबके विरुद्ध दर्ज हुआ है केस
मामले में मृतक के पिता वादी मुकदमा मो. सलीम की तहरीर पर नगर कोतवाली के लाेलेपुर गांव निवासी सिराज अहमद उर्फ पप्पू, मेराज अहमद व इकराम उर्फ इमरामुदद्ददीन, घरहा कला के इस्माइल उर्फ प्रिंस, शहर के खैराबाद मोहल्ले के सलमान, सोहराब व सहजाद और मृतक के गांव के शमीम उर्फ लड्डन व उसकी पत्नी अख्तरुल निशा को आरोपी बनाया गया था। जबकि लोलेपुर गांव के माे. वसीम के खिलाफ आरोपियों को संरक्षण देने के आरोप में केस दर्ज किया गया था।
जानिए कब कब क्या क्या हुआ
बीते 6 अगस्त की घटना के दूसरे दिन से ही अधिवक्ता आक्रोशित हो गए। ऐसे में बैकफुट पर आए प्रशासन ने हिस्ट्रीशीटर सिराज पर 25 हजार के इनाम की घोषणा किया, ये रकम बढ़कर 50 हजार हुई। 12 अगस्त को सिराज के घर पर बुलडोजर चला लेकिन उसने सरेंडर नहीं किया तो पुलिस ने 16 अगस्त को एक लाख का इनाम घोषित हुआ था। यही नहीं 20 अगस्त को कोर्ट के आदेश पर कुर्की की कार्रवाई हुई। 10 लोगों पर गैंगेस्टर की कार्रवाई हुई। अब 7 मई से केस में गवाही शुरू हुई है।