आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह व सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक अनूप संडा समेत कुछ के विरुद्ध MP/MLA कोर्ट सुल्तानपुर से वारंट जारी हुआ है। कोर्ट ने सभी को 20 अगस्त तक सभी को सरेंडर करने का आदेश दिया है। बिजली की समस्या को लेकर 23 वर्ष पूर्व मामले में नौ दिन पहले स्पेशल कोर्ट ने अपील को निरस्त करते हुए लोवर कोर्ट के फैसले को बरकारार रखा था।
विशेष लोक अभियोजक वैभव पांडे के अनुसार नगर में 36 घंटे तक बिजली की समस्या थी। 19 जून 2001 को बिजली की बदहाली के विरोध में पूर्व सपा विधायक अनूप संडा के नेतृत्व में शहर की सब्जी मंडी के पास फ्लाई ओवर के निकट धरना प्रदर्शन हुआ। इस मामले तत्कालीन कोतवाल अशोक सिंह ने सरकारी कार्य में बाधा व समेत अन्य आरोपों में एफआईआर दर्ज कराया था। इसमें दोनों नेताओं के अलावा भाजपा के पूर्व नगर अध्यक्ष सुभाष चौधरी, विजय सेक्रेटरी, कांग्रेस नेता और पूर्व सभासद कमल श्रीवास्तव, कांग्रेस प्रवक्ता रहे संतोष चौधरी व प्रेम प्रकाश के विरुद्ध पुलिस ने आरोपपत्र दाखिल किया गया था। सुनवाई के दौरान प्रेम प्रकाश की मृत्यु हो गई थी।
एमपी-एमएलए कोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश योगेश यादव ने राज्यसभा सदस्य, पूर्व विधायक समेत छह लोगों को गैर कानूनी सभा में शामिल होने व लोगों को जबरिया रोकने के आरोप में दोषी करार देते हुए 11 जनवरी 2023 को सजा सुनाई थी। फैसला आने में लगभग 21 साल का वक्त बीत गया था। सभी को अपील दायर होने तक जमानत मिल गई थी।
उसी आदेश के विरुद्ध अपील पर अधिवक्ता कमलेश कुमार सिंह, करुणा शंकर द्विवेदी, अरविन्द सिंह राजा, रूद्र प्रताप सिंह मदन, विभाष श्रीवास्तव ने बीते 6 अगस्त को बहस की थी। लेकिन विशेष मजिस्ट्रेट एकता वर्मा ने संजय सिंह, अनूप संडा समेत सभी की अपील को निरस्त करते हुए सजा को बहाल करते हुए 9 अगस्त तक सबको सरेंडर के आदेश दिए थे। सदन में व्यस्तता के कारण संजय सिंह कोर्ट नहीं पहुंचे। जबकि अनूप संडा पत्नी के इलाज के कारण नहीं पहुंचे थे। ऐसे में कोर्ट ने 12 अगस्त को सुनवाई की तिथि नियत की थी। जनवरी 2023 में विशेष कोर्ट ने सभी को तीन माह की सजा के साथ ही 1500 रुपये जुर्माना भी लगाया था।