सुल्तानपुर। यूपी में अफसरों की निरंकुशता का एक और बड़ा प्रसंग सामने आया है। अवध के सुल्तानपुर जिले की लंभुआ तहसील में सवा करोड़ की लागत से डिप्टी एसपी (पुलिस उपाधीक्षक) कार्यालय का रविवार को बगैर उच्चाधिकारियों अथवा जिले व क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों की सूचना या आमंत्रण दिए बगैर खुद सीओ और कोतवाल ने ही लोकार्पण कर दिया। क्षेत्रीय बीजेपी विधायक सीताराम वर्मा की कौन कहे क्षेत्रीय सभासद व नगर पंचायत अध्यक्ष तक को नहीं सूचना दी गई। जिससे व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। विधायक वर्मा ने मामले की शिकायत शासन में करने का मन बना लिया है।
गुस्से में विधायक, करेंगेउच्चाधिकारियों से शिकायत
सन १९९७ में तहसील का दर्जा मिलने के बाद से ही लंभुआ में सीओ के स्थायी दफ्तर की दरकार थी। वैकल्पिक तौर पर लंभुआ सीओ का कार्यालय जिला मुख्यालय के एसपी ऑफिस में से ही वर्षों तक संचालित किया जाता रहा। कुछ वर्ष पूर्व योगी सरकार की सख्ती के बाद सीओ के अस्थाई आवास व दफ्तर के इंतजाम लंभुआ विकासखंड परिसर की आवासीय कालोनी में कर दिए गए। इसी दौरान शासन ने पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय व आवास के निर्माण के लिए करीब सवा करोड़ रुपये बजट आवंटित कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल को निर्माण का ठेका दे दिया। कोतवाली के सामने सीओ दफ्तर व आवास के लिए चिन्हित भूमि पर निर्माण भी शुरू हो गया।
लोकसभा चुनाव के ठीक पहले यह निर्माण पूरा हो गयाशनिवार से ही ब्लाक परिसर के दफ्तर से अभिलेख व सामग्री इस नवनिर्मित भवन में पहुँचने लगी थी। रविवार को तीन पुरोहितों के पूजन के बाद सपत्नीक मौजूद सीओ अब्दुस सलाम खान ने दफ्तर का फीता काटकर उद्घाटन किया। परिसर में पौधरोपण भी किया गया। यह फोटो सोशल साइट्स पर प्रसारित हुई तो लोगों को इसकी जानकारी हुई। निरंकुश अफसरशाही का इससे बड़ा उदाहरण और कोई हो ही नहीं सकता। बहुप्रतीक्षित सीओ दफ्तर – आवास का उद्धाटन छुट्टी के दिन यानी रविवार को कर लिया गया। परिसर में सीओ – एसएचओ ने पौधरोपण भी किया पर, करीब सवा करोड़ की इस परियोजना की जानकारी सत्तारूढ़ दल के विधायक तक को नही दी गई।
जानकारी नहीं, हम बात करते हैं : विधायक
स्थानीय भाजपा विधायक सीताराम वर्मा ने बताया कि उन्हें सीओ कार्यालय या आवास के उद्घाटन की कोई जानकारी नहीं दी गई। यदि ऐसा हुआ है कि वह उच्च अधिकारियों से इसके लिए जरूर बात करेंगे।
सिर्फ डिपार्टमेंटल’ कार्यक्रम था : सीओ
सीओ अब्दुस सलाम खान ने कहा कि यह कोई पब्लिक कार्यक्रम नहीं था। सिर्फ डिपार्टमेंटल कार्यक्रम था। इसलिए, इसकी जानकारी किसी को नहीं दी गई।